एक अन्धेरा लाख सितारे, एक निराशा लाख सहारे
सबसे बड़ी सौगात हैं जीवन, नादाँ हैं जो जीवन से हारे
दुनियाँ की ये बगिया ऐसी जितने काँटे, फूल भी उतने
दामन में खुद आ जायेंगे, जिनकी तरफ तू हाथ पसारे
बीते हुए कल की खातिर, तू आनेवाला कल मत खोना
जाने कौन कहा से आ कर, राहे तेरी फिर से सवारे
दुःख से अगर पहचान न हो तो कैसा सुख कैसी खुशियाँ
तुफानो से लड़कर ही तो लगते हैं साहिल इतने प्यारे
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