Tuesday 15 November 2016

नदिया चले, चले रे धारा



नदिया चले, चले रे धारा
चंदा चले, चले रे तारा
तुझको चलना होगा
तुझको चलना होगा
जीवन कहीं भी ठहरता नहीं हैं
आँधी से, तूफां से डरता नहीं हैं
तू ना चलेगा, तो चले तेरी राहें
मंज़िल को तरसेगी तेरी निगाहें
तुझको चलना होगा…
पार हुआ वो रहा जो सफ़र में
जो भी रुका, घिर गया वो भंवर में
नाव तो क्या, बह जाये किनारा
बड़ी ही तेज समय की हैं धारा
तुझको चलना होगा…

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