Tuesday 22 November 2016

ज्योत से ज्योत जलाते चलो


फिल्म:               संत ज्ञानेश्वर (1964)
संगीतकार :          लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
गीतकार :            भारत व्यास 
गायक :              मुकेश एवं लता मंगेशकर

ज्योत से ज्योत जलाते चलो
प्रेम की गंगा बहाते चलो
राह में आये जो दीन दुखी
सब को गले से लगते चलो

जिसका ना कोई संगी साथी
इश्वर है रखवाला
जो निर्धन है जो निर्बल है
वो है प्रभु का प्यारा
प्यार के मोती लूटते चलो
ज्योत से...

आशा टूटी, ममता रूठी
छूट गया है किनारा
बंद करो मत द्वार दया का
दे दे कुछ तो सहारा
दीप दया का जलाते चलो
ज्योत से...

छाया है चारों और अँधेरा
भटक गयी है दिशाएं
मानव बन बैठा दानव
किसको व्यथा सुनाएँ
धरती को स्वर्ग बनाते चलो
ज्योत से...

कौन है ऊँचा कौन है नीचा
सब में वो ही समाया
भेद-भाव के झूठे भरम में
ये मानव भरमाया
धरम ध्वजा फहराते चलो
प्रेम की गंगा...

सारे जगत के कण-कण में है
दिव्य अमरएक आत्मा
एक ब्रह्मा है ek सत्य है
एक ही है परमात्मा
प्राणों से प्राण मिलाते चलो
प्रेम की गंगा ...

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