सत्संगति साधकों की ऐसी संस्था है जो एक दूसरे के साथ सीखने को इच्छुक हैँ। साधक अपने विचार औऱ अनुभव एक दूसरे से सांझा करते हैं। इससे उनकी अपनी आत्मिक उन्नति तो होती ही है अन्य साधकों का मार्ग दर्शन भी होता है। उन्हें भी प्रेरणा मिलती है।
आज के युग में एक तरफ तो गुरूओं की भरमार है औऱ दूसरी तरफ किसी सच्चे गुरु का मिलना नामुमकिन तो नहीं दुर्लभ अवश्य है। सत्संगति में साधकों की यह मान्यता है कि सच्चे गुरु के अभाव की पूर्ति तो नहीं की जा सकती परन्तु आज कल के गुरु घंटालों के माया जाल से अवश्य बचा जा सकता है। ऐसा करने के लिए सब साधको को एक जुट होना होगा। एक दूसरे का मार्ग दर्शन करना होगा। उनके पथ पर आने वाली भाधाओं को दूर करना होगा। उनकी हर तरह की समस्याओं का समाधान खोजना होगा। सत्संगति का यह विनम्र प्रयास है। आशा करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा साधक गण इस प्रयास को सफल बनाने मे अपना पूरा सहयोग देंगे।
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