चढ़िबो मोम तुरंग पर, चलिबो पावक माँहि।
प्रेम पंथ ऐसो कठिन, सब कोउ निबहत नाहिं॥
रहीम
प्रेम का मार्ग बहुत कठिन होता है, मानो मोम के घोड़े पर सवार होकर अंगारों पर चलना। जिसमें विश्वास हो, लगन हो, पक्का इरादा हो, वही ऐसे मार्ग पर आगे बढ़ सकता है। अर्थात् प्रेम-भक्ति का मार्ग बहुत कठिन होता है। इसकी कठिनाइयों को पार कर लेनेवाला मुक्त हो जाता है।
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