जलहिं मिलाइ रहीम ज्यों, कियों आपु सग छीर।
अगवहिं आपुहि आप त्यों, सकल आँच की भीर॥
रहीम
दूध पानी को अपने में मिलाकर एकसार कर लेता है। फिर जैसे ही दूध को आग पर चढ़ाया जाता है तो पानी आगे आ जाता है और आग का सारा तेज आखिरी बूँद तक सहता है, लेकिन दूध को जलने नहीं देता है। यह है सच्ची मित्रता।
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सच्चा मित्र वही है जो मुश्किल में काम आये। जो ढाल के समान तुम्हारी रक्षा करे।
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