Monday, 16 October 2017

अपने पहरै जागिये, ना परि रहिए सोय



अपने पहरै जागिये, ना परि रहिए सोय।
ना जानौ छिन एक में, किसका पहिरा होय॥
कबीर

यह समय आपका अपना समय है, इसमें अपनी आँखें खुली रखें। सोना मना है। क्योंकि अगला क्षण पता नहीं किसके अधिकार में चला जाए। इसलिए जो करना है, जल्दी करें।


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