Thursday, 12 October 2017

जिन ढूँढ़ा तिन पाइयाँ, गहिरे पानी पैठ




जिन ढूँढ़ा तिन पाइयाँ, गहिरे पानी पैठ।
मैं बपुरा बूड़न डरा, रहा किनारे बैठ॥
कबीर
गहरे सागर में डूबकर ही मोती और रत्न ढूँढे जा सकते हैं। किनारे पर डरकर बैठे रहने से कुछ हाथ नहीं लगता।


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