Thursday, 26 October 2017

धर्म किए धन ना घटै, नदी न घट्टै नीर




धर्म किए धन ना घटै, नदी न घट्टै नीर।
अपनी आँखों देखि ले, यों कथि कहहिं कबीर॥
कबीर
दान-धर्म करने से धन नहीं घटता, जैसे नदी निरंतर बहती रहती है, लेकिन उसका पानी खत्म नहीं होता। कबीर कहते हैं, यदि आपको भरोसा न हो तो दान-धर्म करके देख लें।



यथास्थिति एवं यथाशक्ति दान-धर्म कीजिये। धन घटने की बजाये बढेगा। आज़मा के देखिए    

No comments:

Post a Comment

Mudita - An Alternative to Envy

Mudita When we are scrolling through Facebook or Instagram we often feel envy looking at other people’s success or golden mome...