नात नेह दूरी भली, जो रहीम जिय जानि।
निकट निरादर होत है, ज्यों गड़ही को पानि॥
रहीम
रिश्तेदारों से दूरी बनाए रखने पर ही स्नेह में गरमी बनी रह सकती है। निकट आते ही प्रेम-संबंध और घनिष्ठ नाते ठंडे पड़ जाते हैं, उनमें ठहराव आ जाता है। जैसे घर के निकट स्थित जलाशय को वह सम्मान कहाँ मिलता है, जो दूरस्थ जलाशय के जल को प्राप्त होता है।
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