Sunday, 12 November 2017

तरुवर फल नहीं खात है, सरवर पियत न पान







तरुवर फल नहीं खात है, सरवर पियत पान।
कहि रहीम परकाज हित, संपति-संचहिं सुजान॥
रहीम
जिस प्रकार वृक्ष स्वयं अपने फल नहीं खाता और सरोवर स्वयं अपना पानी नहीं पीता, उसी प्रकार सज्जन पुरुष परमार्थ के लिए धन-दौलत का संग्रह करते हैं। अर्थात् संग्रह करना है तो परमार्थ के लिए करें।


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