Wednesday 16 August 2017

अनुचित बचन न मानिए, जदपि गुराइसु गाढि़



अनुचित बचन मानिए, जदपि गुराइसु गाढि़।
है रहीम रघुनाथ ते, सुजस भरत की बाढि़॥
रहीम


भरपूर दबाव पड़ने पर भी अनुचित कार्य कभी करें। जिस कार्य को करने के लिए आपका अंतर्मन गवाही दे, वह कार्य कोई बड़ा आदरणीय व्यक्ति भी कहे तो भी करें।

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