Friday 18 August 2017

अमर बेलि बिनु मूल की, प्रतिपालत है ताहि






अमर बेलि बिनु मूल की, प्रतिपालत है ताहि।
रहिमन ऐसे प्रभुहिं तजि, खोजत फिरिए काहि॥
रहीम

जो ईश्वर बिना जड़ की अमर बेल का भी पालन-पोषण करता है, ऐसे ईश्वर को छोड़कर बाहर किसे खोजते फिर रहे हो। अरे, ऐसा ब्रह्म (प्रभु) तुम्हारे अंदर ही है, उसे वहीं खोजो।












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