Sunday 22 October 2017

जो तोको काटा बुवै, ताहि बुवै तू फूल





जो तोको काटा बुवै, ताहि बुवै तू फूल।
तोहि फूल को फूल है, वाको है तिरशूल॥
कबीर

जो तुम्हारे पथ में काँटे बोता है, तुम उसका फूलों से स्वागत करो। इस प्रकार क्योंकि तुमने फूल बोए हैं, इसलिए तुम्हें फूल ही वापस मिलेंगे और उसके काँटे उसे त्रिशूल बनकर वापस मिलेंगे। अर्थात् बुरे के साथ भी हमेशा भलाई करो।
Satsangati.org

यह कर्म का सिद्धांत है। तुम जैसे कर्म करोगे वैसा ही फल पाओगे। तुम भलाई करना इसलिए मत छोडो की दूसरा बुराई कर रहा है। उसे सजा देना या सुधारना तुम्हारा काम नहीं है। उसे ज़िन्दगी सिखा देगी। तुम अपने व्यवहार का ध्यान रखो क्योंकि उसका फल तुम्हें भोगना है

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