मिसरी बिखरी रेत में, हस्ती चुनी न जाय।
कीड़ी ह्वै करि सब चुनै, तब साहिब कूँ पाय॥
कबीर
रेत में चीनी के कण बिखरे हों
तो हाथी जैसा विशाल प्राणी उन्हें नहीं चुन सकता। लेकिन छोटी सी चींटी उन्हें चुग
लेती है। इसी प्रकार अपने अभिमान और धन-दौलत के गर्व को त्यागकर दीनता से छोटे
होकर ही ईश्वर को पाया जा सकता है।
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