Tuesday, 18 July 2017

जल में बसे कुमोदिनी, चंदा बसे अकास




जल में बसे कुमोदिनी, चंदा बसे अकास।
जो है जाका भावता, सो ताही के पास॥
कबीर

कमलिनी जल में रहती है और जिसके प्रकाश से वह खिलती है उसका वह प्रेमी दूर आकाश में रहता है; लेकिन प्रेमियों के बीच यह दूरी कोई मायने नहीं रखती। सच्चा प्रेम आत्मिक होता है, जो सदा पास रहता है।

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