Wednesday, 10 January 2018

दिवसेनैव तत् कुर्याद् येन रात्रौ सुखं वसेत्







दिवसेनैव तत् कुर्याद् येन रात्रौ सुखं वसेत्।

यावज्जीवं च तत्कुर्याद् येन प्रेत्य सुखं वसेत्॥

दिन में वह करना चाहिए जिससे रात में सुख से रहा जा सके।

जब तक जीवित हैं तब तक वह करना चाहिए जिससे मरने के 

बाद सुख से रहा जा सके॥






Do that in the day which makes you happy at night. 

Do that throughout the life which could make you 

happy after death.

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