Friday, 15 December 2017

यथा धेनुसहस्त्रेषु वत्सो विन्दति मातरम्।





यथा धेनुसहस्त्रेषु वत्सो विन्दति मातरम्।

तथा पूर्वकॄतं कर्म कर्तारमनुगच्छत्॥

जिस प्रकार एक बछड़ा हजार गायों के बीच में अपनी माँ को

पहचान लेता है, उसी प्रकार पूर्व में किये गए कर्म कर्ता का 

अनुसरण करते हैं॥


A calf recognizes its mother among thousands of cows; 

similarly, previous deeds go with the doer.


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