Wednesday, 24 May 2017

कबीर आप ठगाइए



कबीर आप ठगाइए, और न ठगिए कोय।
आप ठगे सुख ऊपजै, और ठगे दुख होय॥

कबीर कहते हैं कि आप स्वयं ठग जाएँ तो कोई अहित नहीं, लेकिन औरों को न ठगें। भविष्य में इससे आपको सुख मिलेगा; लेकिन औरों को ठगने पर आपको इसके गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।


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