Saturday, 30 June 2018

The World is your Best Teacher


Master in the Art of Learning



Chateaubriand


Willingness to Learn


Why to Live



Nietzsche


Don't Allow Your Life To Be Controlled By These 5 Things




Don't Allow Your Life To Be Controlled By These 5 Things 

Motivational Speech by Fearless Soul

Many people spend their life, at the mercy of circumstances. Living at the mercy of what happens to them. Living at the mercy of other people. Not living in the present, because they are stuck in the prison of their past. If you want to live a Great life, don’t allow yourself to be controlled by any of these things. 

1 - Your Past

2 - Other people's opinions and judgments 

3 - Limited Beliefs you project on yourself. 

4 - Relationships, and 

5 - Money 

Speaker: Josiah Ruff

Better be Happy


Beliefs are Magnet



Coach Bobbi

Trust God




Think Positive


Tiny Miracles


Friday, 29 June 2018

Mentally Fragile to Mentally Strong



Mentally Fragile to Mentally Strong! 

Tom Bilyeu interviews David Goggins 

Motivational Video

Not everyone you lose is a Loss


Make a Difference


Failure not a Loss


Connection of Givers


Metta


Never be Bullied into silence



Harvey Fierstein

Self Care & Self Love


Tuesday, 26 June 2018

Inspirational Incidents from the life of Swami Vivekananda - Video in Hindi



Inspirational Incidents from the life of Swami Vivekananda in Hindi 

स्वामी विवेकानंद के जीवन के कुछ प्रेरक प्रसंग 


What you can do


We are all Damaged


Listen & Watch


Walk Humbly


Walk Alone


First Step to Enlightenment


Be Yourself


Self-Transformation


Monday, 25 June 2018

बेरुचि ही सही बैठो तो सही



बेरुचि ही सही बैठो तो सही

एक समय की बात है, प्रतापगढ़ के राजा की कोई संतान नहीं थी. लेकिन राज्य को आंगे बढ़ाने के लिए एक उतराधिकारी की जरुरत थी. इसलिए राजा ने एक फैसला किया कि वह अपने ही राज्य से किसी एक बच्चे को चुनेगा जो उसका उत्तराधिकारी बनेगा….

इस इरादे से राजा ने अपने राज्य के सभी बच्चों को बुलाकर यह घोषणा की कि वह इन बच्चों में से किसी एक को अपना उत्तराधिकारी चुनेगा…

उसके बाद राजा ने उन बच्चो को एक एक थैली बंटवा दी और कहा….. कि आप सब  लोगो को जो थैली दी गई है उसमे अलग-अलग फूलों का बीज हैं.. हर बच्चे को सिर्फ एक एक बीज ही दिया गया है… आपको इसे अपने घर ले जाकर एक गमले में लगाना है… और 6 महीने बाद हम फिर इस आप सब के इस गमले के साथ यहीं इकठ्ठा होंगे और उस समय मैं फैसला करूँगा की कौन इस राज्य का उत्तराधिकारी बनेगा…

उन लडकों में एक ध्रुव नाम का लड़का था, बाकी बच्चो की तरह वो भी बीज लेकर ख़ुशी-ख़ुशी अपने घर वापस आ गया… उसी दिन घर जाकर उसने एक गमले में उस बीज को लगा दिया और उसकी अच्छे से देखभाल की… दिन बीतने लगे, लेकिन कई हफ्ते बाद भी ध्रुव के गमले में पौधे का कोई नामोनिशान नही आया…. वहीं आस पास के कुछ बच्चों के गमलों में पौधे दिखने लगे… लेकिन ध्रुव ने सोचा की हो सकता है की उसका बीज अलग हो… यह सोचकर वह पौधे की देखभाल पूरी लगन के साथ करता रहा… लेकिन लगभग तीन महीने बीत जाने के बाद भी उसका गमला खली था…. जबकि दुसरे बच्चों के गमले में फूल भी खिलने लगे थे….

ध्रुव का खाली गमला देखकर सभी उसका मजाक उड़ाने लगे….. पर इसके बावजूद भी ध्रुव ने हार नही मानी और लगातार गमले की देखभाल करता रहा… देखते-देखते 5 महीने बीत गये , अब ध्रुव चिंतित था क्योंकि उसके गमले में कुछ नही निकला था । और अब उस गमले की देखभाल में उसकी रूचि कम हो गयी थी । लेकिन उसकी माँ ने समझाया कि - बेटा नतीजा कुछ भी हो लेकिन तुम्हे इस गमले पर अब भी उतनी ही मेहनत और उतना ही समय देना है जितना तुम पहले देते थे ,फिर भले ही गमले के प्रति तुम्हारी ये मेहनत बेरुखी से भरी हो । क्योंकि ऐसा करने से तुम्हे भी एक तसल्ली होगी कि बे चाह  और बेरुचि ही सही लेकिन तूने उस गमले के लिये आखरी तक अपनी ड्यूटी और मेहनत दी। बाकी राजा जाने। और फिर अंत में उसकी माँ ने उसे ये भी समझाया कि सोचो अगर राजा को ये पता चलेगा कि आखरी में तुमने गमले के प्रति मेहनत और समय देना बन्द कर लिया था। तो हो सकता है राज तुमसे गुस्सा करें । और ध्रुव माँ की ये सब बातें सुनकर , तो कभी राजा के डर को याद कर , बेरुखी और बेरुचि ही सही लेकिन पूरा समय और मेहनत देता रहा ।

और 6 महीने पूरे हो गए उस  तय हुए दिन सभी बच्चों को महल में इकठ्ठा किया गया सभी के गमलों में पौधे थे… बस ध्रुव का गमला खाली था… राजा बच्चों के बीच से होकर आंगे बढ़ने लगे … और गमले में लगे सबके पौधों का निरिक्षण करते… सबके पौधे देखते-देखते राजा की नजर ध्रुव के गमले पर पड़ी… राजा ने ध्रुव से पूछा… क्या हुआ तुम्हारा गमला खली क्यों है?

ध्रुव ने हिचकिचाहट के साथ जबाव दिया- जी मैंने तो इस गमले पर पूरे 6 महीने तक अपनी तरफ से पूरी मेहनत की और पूरा पूरा समय भी देता रहा  लेकिन इसमें से कुछ भी नही निकला….

राजा आंगे बढ़े और सभी के गमले देखने के बाद सभी बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि – आप लोगों ने पौधा लाने में बहुत मेहनत  की ।ज्यादातर लोग किसी भी कीमत में राजा बनना चाहते हैं लेकिन एक लड़का यहाँ खाली हाथ आया… जिसका नाम है ध्रुव… राजा ने ध्रुव को अपने पास बुलाया । “राजा के इस तरह बुलाने पर ध्रुव को कुछ अजीब लगा..” ध्रुव धीर-धीरे राजा के पास पहुँचता है… जैसे ही राजा ध्रुव के उस खाली गमले को उठाकर सभी बच्चों को दिखता है…. सभी हंसने लगे….

राजा ने ऊँची आवाज में कहा- शांत हो जाओ । 6 महीने पहले मैंने आप सब को जो एक एक बीज दिये थे , वे सब बंजर थे जो कभी उग नही सकते थे…. आप चाहे उसकी कितनी भी देख रेख कर ले उसमे से कुछ भी नही उग सकता था , लेकिन आप सब ने बीज बदल कर आसानी से उगने वाले दूसरे बीज़ ख़रीदे ताकि आप राजा बन सकें। लेकिन आप सब में सिर्फ ध्रुव ही है जो खाली हाँथ आया है । ध्रुव ने मेरे दिये उस बीज़ पर खूब मेहनत की और जब अंत में उसे लगा कि शायद बीज उगने का कोई चारा नही तो भी बेरुखी से ही सही लेकिन उसने पूरे 6 महीनो तक उस गमले में हर रोज अपनी मेहनत और समय दिया । इसलिये मैं ध्रुव को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करता हूँ ।

सो भजन बन्दगी में भी अगर कोई रस नही आता, कोई आनंद या मज़ा नही आता , तो भी बैठो । 
बेरुखी , बेरुचि या डर से ही सही, लेकिन पूरा समय दो

पता नही कब वो मालिक हमारी इस बेरुखी , बेरुचि और डर को प्रेम में बदल कर हमें जीत का सरताज पहना दे ।

Power of the Mind - Vivekananda



How to train Mind? 

How to get powerful Mind?

Swami Vivekananda - Power of the Mind

Whole World Inside You


Life like a River


Inspiration from Jalebi



Gratitude



Karma




Be Strong, Smart & Brave


Good Life Bad Life


Imperfections & Inspiration


Gratitude


Forgiveness


Difference between Connection & Attachment




Difference between Connection & Attachment

Wednesday, 20 June 2018

How Mind Works



How our mind works? How to reach the highest state of existence or attain the most wonderful state of mind? Swami Vivekananda's simple and wonderful explanation about different levels of consciousness and the importance of reaching Samadhi or Superconscious state through meditation!


About Swami Vivekananda: 

Swami Vivekananda (1863 - 1902) was an Indian monk, Self-realized Master and one of the most celebrated and inspirational spiritual leaders of India. He was not only a great spiritual personality; but also a genius thinker, great orator, passionate patriot (He worked hard for eradicating poverty from his Country), and a heroic role model for millions of youth. 

Vivekananda carried on the free-thinking philosophy of his revered guru, Ramakrishna Paramhamsa forward into a new paradigm. He worked tirelessly towards betterment of the society, in servitude of the poor and needy, dedicating his all for the upliftment of his country.  

His message of universal brotherhood and Self-awakening remains relevant especially in the current issues of widespread political turmoil around the world. 

 The young monk and his teachings have been an inspiration to many, and his words have become goals of self-improvement especially for the youth of the Nation. For this very reason, his birthday, January 12, is celebrated as the National Youth Day in India. 

Opposition from Mediocre Minds



Noose of Thought


My Life My Rules




Money is Numbers



#Money

Robert Nesta Marley


Mind Full or Mindful


Mudita - An Alternative to Envy

Mudita When we are scrolling through Facebook or Instagram we often feel envy looking at other people’s success or golden mome...